भावार्थ:
जो परिवार, समाज, राज्य, देश मे मुख्य व्यक्ति हैं, उनके आचरण का अनुसरण ही अन्य व्यक्ति करते हैं। अतः सूर्य, मनु, इक्ष्वाकु आदि राजाओंने योग को भलीभाँति जानकर उसका स्वयं भी आचरण किया और प्रजासे भी वैसा ही आचरण करवाया।
परन्तु समय के साथ योग विधि का पालन करने मे त्रुटि आती चली गई और अब यह लुप्त हुआ ही जानो।
योग का लुप्त होना ही तो कारण है, जो धृतराष्ट्र पुत्र और पाण्डव पुत्र युद्ध के लिये खड़े हुए हैं।
धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ है। यह चार पुरुषार्थ को करना ही मनुष्य जीवन का उदेश्य है। उद्देश्य इसलिये है क्योंकि इन चार पुरुषार्थ को करने से ही मनुष्य का कल्याण है। धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, का अर्थ क्या है? यह पुरुषार्थ करने से मनुष्य का कल्याण किस प्रकार है? धर्म धर्म का अर्थ है कर्तव्य। श्रीमद […]
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