श्रीमद भगवद गीता : १३

पञ्चैतानि महाबाहो कारणानि निबोध मे।

सांख्ये कृतान्ते प्रोक्तानि सिद्धये सर्वकर्मणाम् ।।१८-१३।।

 

 

हे महाबाहो! कर्मोंका अन्त करनेवाले सांख्यसिद्धान्तमें सम्पूर्ण कर्मोंकी सिद्धिके लिये ये पाँच कारण बताये गये हैं, जिनको तुम मुझसे भलीभांति जानो। ।।१८-१३।।

 

भावार्थ:

अध्याय १८ श्लोक ६ से अध्याय १८ श्लोक १२ तक कर्म से सम्बन्ध का त्याग एवं कर्म फल का त्याग ही त्याग है, इसका वर्णन हुआ है। अब कर्मों में कर्ता रूपी अहंता का त्याग किस प्रकार हो, और मनुष्य दुवारा हो रहे कार्यों की सिद्ध होने में पाँच कारण क्या है। इस ज्ञान को भलीभांति समझने के लिये भगवान श्रीकृष्ण प्रेणना करते है।

पुनः इस ज्ञान से कार्यों का अन्त नहीं, अपितु कार्यों में अहंता का त्याग किस प्रकार हो यह समझने के लिये है।

 

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