भावार्थ:
पूर्व श्लोक में भगवान् श्रीकृष्ण, अर्जुन से कहते है कि मने जो गूढ़ ज्ञान अभी तक दिया है, उस पर विचार करो और अपने निष्कर्ष पर पहुँचो। ऐसा प्रतीत होता है कि अर्जुन फिर भी किसी निष्कर्ष पर पहुंच नहीं पाते। इसलिये अर्जुन को निष्कर्ष पर पहुँचाने के लिये भगवान् श्रीकृष्ण पूर्व में कहा हुआ गूढ़ ज्ञान पुनः संक्षिप्त में व्यक्त करते है।
भगवान् श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनत्त्व और हितेषी होने का आश्वासन देते है।
धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ है। यह चार पुरुषार्थ को करना ही मनुष्य जीवन का उदेश्य है। उद्देश्य इसलिये है क्योंकि इन चार पुरुषार्थ को करने से ही मनुष्य का कल्याण है। धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, का अर्थ क्या है? यह पुरुषार्थ करने से मनुष्य का कल्याण किस प्रकार है? धर्म धर्म का अर्थ है कर्तव्य। श्रीमद […]
Read MoreTo give feedback write to info@standupbharat.in
Copyright © standupbharat 2024 | Copyright © Bhagavad Geeta – Jan Kalyan Stotr 2024